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दिन भर में मुझसे कोई ऐसा करम न हो

*हे मालिक ! दिन भर में मुझसे कोई ऐसा करम न हो । जो तेरी नजर में गुनाह हो !!*
*हक हलाल की कमाई खाऊं !!!* *किसी का दिल न दुखाऊं सबसे नि:स्वाथ प्रेम  करू ! जितना हो* *सके चलते फिरते सिमरन* *करू !!* *सचे सतगुरू जी हर पल आपकी याद बनी रहे !!!*
*शुकर है मालिक का*
*JAI SAI RAM........*